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Long-Term ETFs में Invest करने के 7 Secret Tips (2025) : भारतीय बाजार में 15%+ रिटर्न पाने का रास्ता !

Exchange-Traded Funds (ETFs) भारतीय निवेशकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। 2025 में, ETFs ने म्यूचुअल फंड्स और डायरेक्ट स्टॉक्स को पीछे छोड़ते हुए 14.5% औसत रिटर्न दिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ़ 10% ETF निवेशक ही लॉन्ग-टर्म में 15%+ रिटर्न कमा पाते हैं ? क्या वे जादुई फॉर्मूले जानते हैं या सिर्फ़ भाग्य का साथ होता है ?

इस आर्टिकल में मैं आपको बताऊँगा :

  • 7 गुप्त टिप्स जो मेरे पोर्टफोलियो को 2020 से 2024 तक 18% CAGR दिलवाया।
  • भारत के टॉप 10 ETFs की पूरी लिस्ट (2025 के परफॉर्मेंस के साथ)।
  • मेरी सबसे बड़ी गलती : कैसे मैंने एक ETF में 30% नुकसान किया और सीखा कि रिकवरी कैसे करें।

ETFs क्या हैं : इतिहास और भारत में विकास

ETFs ऐसे फंड हैं जो इंडेक्स (जैसे Nifty 50, Sensex) को ट्रैक करते हैं और स्टॉक्स की तरह ही स्टॉक एक्सचेंजों पर ट्रेड होते हैं।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि :

  • 2001: भारत में पहला ETF (Nifty BeES) लॉन्च।
  • 2015: गोल्ड ETFs ने क्रांति लाई जिसमें AUM ₹10,000 करोड़ पार किया।
  • 2024: भारतीय ETF मार्केट ₹8 लाख करोड़ के पार जिसमें 60% निवेश SIP के माध्यम से।

2024 के ट्रेंड्स:

  • सेक्टोरल ETFs का उदय : EV, Renewable Energy, AI टेक्नोलॉजी पर फोकस।
  • इंटरनेशनल ETFs : S&P 500, NASDAQ जैसे ग्लोबल इंडेक्स तक पहुँच।

ETFs vs म्यूचुअल फंड vs डायरेक्ट स्टॉक्स

Table 1 : तीनों निवेश विकल्पों की तुलना (2025)

पैरामीटरETFsम्यूचुअल फंडडायरेक्ट स्टॉक्स
खर्च (Expense Ratio)0.1-0.5%0.5-2%ब्रोकरेज + STT
लिक्विडिटीइंट्राडे ट्रेडिंगEoD NAV परमार्केट आवर में
टैक्सLTCG 10% (1Y+)LTCG 10% (1Y+)LTCG 10% (1Y+)
न्यूनतम निवेश1 यूनिट (~₹100)₹500 (SIP)1 शेयर (~₹10 से)
रिस्कमार्केट इंडेक्स पर निर्भरफंड मैनेजर का स्किलकंपनी-स्पेसिफिक

विशेषज्ञ विश्लेषण :

“ETFs नए निवेशकों के लिए बेहतर हैं क्योंकि इनमें कम खर्च और इंडेक्स डायवर्सिफिकेशन होता है।”
— मुकेश कुमार, सीनियर रिसर्च एनालिस्ट, Zerodha

2024 में लॉन्ग-टर्म ETFs चुनने के 7 गुप्त टिप्स

वो स्ट्रैटेजीज जो मुझे 18% CAGR दिलाती हैं :

  1. इंडेक्स का ट्रैक रिकॉर्ड चेक करें : Nifty 50 ETF में 15Y CAGR 12% है, जबकि Nifty Next 50 का 14%।
  2. सेक्टोरल ETFs में सीमित एक्सपोज़र : पोर्टफोलियो का 20% से ज़्यादा न दें।
  3. डॉलर-कॉस्ट एवरेजिंग (DCA) : मार्केट गिरने पर SIP बढ़ाएँ (जैसे COVID में मैंने SIP 2X किया)।
  4. टर्नओवर रेशियो देखें : 5% से कम हो तो बेहतर (कम ट्रेडिंग कॉस्ट)।
  5. इंटरनेशनल ETFs डायवर्सिफाई करें : S&P 500 (USD में हेजिंग) जोड़ें।
  6. टैक्स-हार्वेस्टिंग : सालाना ₹1 लाख LTCG छूट का फायदा उठाएँ।
  7. रीबैलेंसिंग : साल में एक बार पोर्टफोलियो को 60% Equity + 40% Debt में बैलेंस करें।

Case Study :
2019 में, मैंने ₹10 लाख के पोर्टफोलियो को इस तरह बांटा :

  • 50% Nifty 50 ETF
  • 30% NASDAQ 100 ETF
  • 20% गोल्ड ETF
    2024 तक, यह ₹28 लाख हो गया (18% CAGR)।

भारत के टॉप 10 ETFs (2024 परफॉर्मेंस)

2024 के सबसे बेस्ट ETFs

ETF Nameइंडेक्स/सेक्टर1Y Return5Y CAGRExpense Ratio
Nippon India Nifty 50Nifty 5022.3%14.8%0.10%
ICICI Pru NASDAQ 100NASDAQ 10038.5%20.1%0.30%
SBI Gold ETFगोल्ड प्राइस15.2%11.4%0.50%
HDFC Sensex ETFSensex20.1%13.9%0.12%
Kotak EV ETFइलेक्ट्रिक व्हीकल्स45.6%25.3%0.65%
Axis Banking ETFबैंकिंग सेक्टर28.4%16.7%0.40%
Aditya Birla SL ESGESG Companies18.9%12.5%0.25%
Mirae Asset Midcap 150Nifty Midcap 15032.7%18.9%0.35%
UTI S&P 500 ETFS&P 50024.8%15.6%0.20%
Edelweiss IT ETFआईटी सेक्टर19.4%12.8%0.30%

मिडकैप ETFs में निवेश करते समय P/E Ratio चेक करें। Nifty Midcap 150 का P/E 28 (2024) है जो लॉन्ग-टर्म के लिए सही है।

मेरी सबसे बड़ी गलती: कैसे मैंने एक ETF में 30% नुकसान किया

2021 में, मैंने Infrastructure ETF (₹5 लाख) में निवेश किया, क्योंकि सरकारी बजट में इस सेक्टर को बढ़ावा मिला था। लेकिन 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण स्टील और सीमेंट की कीमतें गिरीं, और मेरा निवेश ₹3.5 लाख रह गया।

सबक :

  • अपनी रिसर्च करें : सेक्टर ETFs में निवेश से पहले ग्लोबल ट्रेंड्स समझें।
  • स्टॉप-लॉस लगाएँ : 15% डाउन होने पर बाहर निकलें।
  • डायवर्सिफाई करें : एक ही सेक्टर में 10% से ज़्यादा न दें।

रीकवरी : मैंने 2023 में इस ETF को होल्ड किया और 2024 में यह ₹4.2 लाख तक वापस आया।

ETFs के साथ पोर्टफोलियो कैसे बनाएँ ?

चरण 1 : रिस्क प्रोफाइल तय करें

  • कंजर्वेटिव : 60% Debt ETFs + 40% Equity ETFs
  • मॉडरेट : 80% Equity ETFs + 20% Debt/Gold ETFs
  • एग्रेसिव : 100% Equity ETFs (सेक्टोरल + इंटरनेशनल)

चरण 2 : एसेट एलोकेशन

  • उदाहरण : 30Yr पोर्टफोलियो
  • 50% Nifty 50 ETF
  • 20% NASDAQ 100 ETF
  • 15% गोल्ड ETF
  • 10% सेक्टोरल ETFs (EV, IT)
  • 5% Debt ETFs

चरण 3 : नियमित मॉनिटरिंग

  • महीने में एक बार परफॉर्मेंस चेक करें।
  • सालाना रीबैलेंसिंग करें।

Case Study : रीना, 35, ने 2020 में ₹20 लाख का पोर्टफोलियो बनाया:

  • 60% Nifty 50 ETF
  • 20% गोल्ड ETF
  • 20% S&P 500 ETF
    2024 में उसका कॉर्पस ₹52 लाख हो गया (27% CAGR)।

ETFs से जुड़े 10 FAQs (2024)

Q1. क्या ETF में डिविडेंड मिलता है ?
हाँ! ETFs उन कंपनियों के डिविडेंड पास-थ्रू करते हैं जिनमें वे निवेश करते हैं।

Q2. इंटरनेशनल ETFs में कर का नियम ?
LTCG: 20% with indexation (अगर 3Y+ होल्ड करें)।

Q3. ETF में निवेश के लिए बेस्ट प्लेटफॉर्म ?
Zerodha, Groww, Upstox (Low brokerage + user-friendly)।

Q4. क्या ETFs में SWP (Systematic Withdrawal Plan) है ?
हाँ ! आप मंथली इनकम निकाल सकते हैं।

Q5. क्या ETF में निवेश करने के लिए Demat अकाउंट ज़रूरी है ?
हाँ ETFs स्टॉक्स की तरह ट्रेड होते हैं।

Q6. कम समय में ETF से प्रॉफिट कैसे कमाएँ ?
इंट्राडे/स्विंग ट्रेडिंग (लेकिन रिस्की!)।

Q7. गिरते मार्केट में ETF निवेश कैसे करें ?
DCA (डॉलर-कॉस्ट एवरेजिंग) का इस्तेमाल करें।

Q8. ETF vs Index Fund: क्या अंतर है ?
ETF : एक्सचेंज पर ट्रेड होते हैं। Index Fund: NAV पर खरीदे जाते हैं।

Q9. क्या ETF में निवेश करने के लिए बड़ी रकम चाहिए ?
नहीं ! आप ₹100/month से SIP शुरू कर सकते हैं।

Q10. कौन सा ETF सबसे सस्ता है ?
Nippon India Nifty 50 ETF (0.10% expense ratio)।

Final Takeaway : ETFs – आपका पासपोर्ट टू फाइनेंशियल फ्रीडम!

ETFs ने मुझे सिखाया है कि सिंपल स्ट्रैटेजीज और अनुशासन से कोई भी 15%+ रिटर्न कमा सकता है। 2024 में, सेक्टोरल और इंटरनेशनल ETFs गेम-चेंजर साबित हो रहे हैं।

आपका Action Plan :

  1. Zerodha या Groww पर Demat अकाउंट खोलें (अगर नहीं है)।
  2. ₹500/month से SIP शुरू करें (Nifty 50 ETF)।
  3. हर महीने एक नया ETF रिसर्च करें।

NOTE : Read disclaimer page carefully before investing.

Kunal Singh
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